- बाल श्रम रोकने को लेकर सरकार उठा रही व्यापक कदम
- मेयर प्रवीण जोशी ने स्कूली छात्राओं को बाल विवाह न करने की दिलाई शपथ
फरीदाबाद, 24 अप्रैल (रूपेश कुमार )। बाल विवाह और बाल श्रम के खिलाफ चल रही जागरूकता मुहीम के तहत आज अतिरिक्त उपायुक्त (एडीसी) साहिल गुप्ता के मार्गदर्शन में बाल श्रम के खिलाफ सार्वजनिक जागरूकता रैली राजकीय कन्या वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय की एनआईटी-1, मेट्रो मोड़ से निकाली गयी। इस रैली में लगभग 300 स्कूली छात्राओं ने हाथों में तख्ती व बैनर लेकर नारे लगाते हुए बाल संरक्षण इकाई कार्यालय तक रैली निकली। छात्राओं ने बाल श्रम के खिलाफ नारे लगाए कि बाल श्रम बंद करो शिक्षा का अधिकार दो, हाथों में औजार नहीं किताबें चाहिए, शिक्षा से नाता जोड़ो बाल श्रम से नाता तोड़ो कहकर लोगों को बाल श्रम एवं बाल विवाह को रोकने हेतु जागरूक किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के तौर पर मेयर प्रवीण बत्रा जोशी ने शिरकत की साथ ही गेस्ट ऑफ ऑनर हरियाणा राज्य बाल संरक्षण आयोग की मेंबर सुमन राणा भी मौजूद रही।

मेयर प्रवीण जोशी ने कहा कि आज की यह रैली एक प्रेरणादायक कदम है। यदि हम सब मिलकर संकल्प लें कि अपने गांव, मोहल्ले और परिवार में बाल विवाह नहीं होने देंगे, तभी इसका उन्मूलन संभव है। उन्होंने कहा कि "बाल विवाह केवल एक सामाजिक समस्या नहीं है, बल्कि यह बच्चों के मानसिक और शारीरिक विकास को भी बाधित करता है। यह बच्चों के अधिकारों का हनन है और उनके उज्ज्वल भविष्य में बाधा उत्पन्न करता है। यह शिक्षा, स्वास्थ्य और जीवन के अन्य अवसरों को प्रभावित करता है। उन्होंने बताया कि बाल विवाह के कारण बालिकाएं शिक्षा से वंचित हो जाती हैं, उनमें कुपोषण और मातृ मृत्यु दर की संभावना बढ़ जाती है। समय है कि हम इस पर खुलकर बात करें और इसे समाप्त करने का प्रयास करें। हम सभी को मिलकर इस कुप्रथा को समाप्त करने के लिए कदम उठाने होंगे। उन्होंने कहा कि जब तक समाज बाल विवाह जैसी प्रथाओं के खिलाफ जागरूक नहीं होगा, तब तक इस समस्या का समाधान नहीं हो सकता।

इस अवसर पर संरक्षण एवं बाल विवाह निषेध अधिकारी हेमा कौशिक ने बताया कि बाल विवाह निषेध अधिनियम, 2006 के अंतर्गत 18 वर्ष से कम आयु की लड़कियों और 21 वर्ष से कम आयु के लड़कों का विवाह अवैध माना गया है। इसके तहत बाल विवाह कराने वालों पर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। उन्होंने बताया कि सरकार द्वारा बच्चों की शिक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा के लिए कई योजनाएं चल रही हैं, लेकिन समाज की जागरूकता और सहयोग के बिना इसे खत्म करना मुश्किल है। उन्होंने बताया कि बच्चों का शिक्षा प्राप्त करना, उनका मानसिक और शारीरिक विकास सुनिश्चित करना, समाज की जिम्मेदारी है। कार्यक्रम में छात्राओं को बाल विवाह  न करने की शपथ दिलाते हुए कहा कि हम सबको मिलकर शिक्षा और सुरक्षा के लिए अपनी आवाज बुलंद कर बाल विवाह और बाल श्रम मुक्त भारत का निर्माण करना है। कार्यक्रम में टोल फ्री नंबर 1098 के बारे में भी छात्राओं को बताया गया।  

इस अवसर पर हरियाणा बाल संरक्षण आयोग से गरिमा सिंह तोमर, पीपीओ हेमा कौशिक लेबर इंस्पेक्टर संदीप राठी व जिला बाल संरक्षण इकाई का समस्त स्टाफ और स्कूल प्रिंसिपल राजेंद्र कुमार एवं राम करण मौजूद रहे।