back to top
Monday, October 20, 2025

ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर रोक – विक्रम सिंह

Share

DEKHO NCR

फरीदाबाद,06 अक्तूबर(रूपेश कुमार)। जिलाधीश विक्रम सिंह ने ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माण, बिक्री, फोड़ने और उपयोग पर रोक लगाने के निर्देश दिए हैं। जिला की सीमा के भीतर आतिशबाजी में बेरियम लवण पर भी प्रतिबंध लगाया गया है। क्योंकि इससे भारी वायु/ध्वनि प्रदूषण और ठोस अपशिष्ट की समस्या होती है।


IMG 20231006 163557

इसलिएहरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुझाव पर सरकार से प्राप्त निर्देशों के अनुपालन में विक्रम सिंह, (आईएएस)जिला मजिस्ट्रेट ने सीआरपीसी की धारा 144 के आधार पर शक्तियों का प्रयोग करते हुए 1973विस्फोटक अधिनियम1884 और विस्फोटक मैग नियम और जिला मजिस्ट्रेटके रूप में अन्य सक्षम शक्तियां इसके द्वारा संयुक्त पटाखों की लारिस की श्रृंखला के पटाखे और केवल ग्रीन पटाखों को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों के निर्माणबिक्रीफोड़ने और उपयोग पर रोक लगाई हैं।

रोक कब तक रहेगी जारी:-

जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि यह रोक 01-11-2023 से 31-01-2024 की अवधि के लिएजिला की सीमा के भीतर पटाखों के अलावा आतिशबाजी में बेरियम लवण पर प्रतिबंध लगाया गया हैक्योंकि इससे भारी वायु/ध्वनि प्रदूषण और ठोस अपशिष्ट की समस्या होती है। ।

ग्रीन पटाखों की छूट इस प्रकार होगी-

जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि दिवाली के दिन या गुरु पर्व आदि जैसे किसी अन्य त्योहार परजब ऐसी आतिशबाजी आम तौर पर होती हैतो यह रात 08:00 बजे से 10:00 बजे तक होगी। क्रिसमस और नए साल की पूर्व संध्या पर आधी रात यानी 12:00 बजे रात से सुबह 11:55 बजे तक भी ऐसी आतिशबाजी शुरू हो जाती है। इसके अलावाफ्लिपकार्टअमेजन आदि सहित कोई भी ई-कॉमर्स वेबसाइट किसी भी ऑनलाइन ऑर्डर को स्वीकार नहीं करेगी और जिला में ऑनलाइन बिक्री को प्रभावित नहीं करेगी।

जिलाधीश ने कहा कि भारत के सर्वोच्च न्यायालय के आदेश 2021 एवं एनजीटी के ऑर्डर का सख्ती से अनुपालन कराया जाएगा।

इन अधिकारियों को दिए दिशा निर्देश:-

जिलाधीश विक्रम सिंह ने इसके अलावाक्षेत्रीय अधिकारीहरियाणा राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्डफरीदाबाद/बल्लभगढ़ को निर्देश दिया जाता है कि वे नियमित रूप से हवा की गुणवत्ता की निगरानी करें और माननीय शीर्ष न्यायालय और केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के निर्देशों के अनुसार संबंधित वेबसाइटों पर डेटा अपलोड करें। सभी विभागों/बोर्डों/निगमों/व्यक्तियों को इसके लिए पूर्ण सहयोग बढ़ाने का निर्देश दिया गया है।

वहीं पुलिस आयुक्त विभागआयुक्त नगर निगमफ़रीदाबाद के सभी उपमंडल मजिस्ट्रेटसभी तहसीलदार/नायब तहसीलदार/बीडीपीओडीएसपीई.ओ./सचिवसभी पुलिस स्टेशनों के एस.एच.ओ.अग्निशमन अधिकारी और अन्य अग्निशमन कार्यालय कर्मचारी इस आदेश को तुरंत  लागू करेंगे। इन सभी अधिकारियों को निर्देश दिया जाता है कि वे इस आदेश को लागू करने के लिए छापेमारी करें और दैनिक आधार पर इसकी रिपोर्ट जिलाधीश के कार्यालय में जमा करें।

उल्लंघना करने पर यह होगी कानूनी कार्रवाई:-

जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि इन आदेश का अनुपालन न करने/उल्लंघन करने पर भारतीय दंड संहिताविस्फोटक अधिनियम 1884 और विस्फोटक नियम2008 की प्रासंगिक धारा के अनुसार प्रासंगिक दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।

ट्रिब्यूनल ऑन इट्स मोशन बनाम पर्यावरणवनजलवायु परिवर्तन मंत्रालय और अन्य हैजिसके तहत माननीय राष्ट्रीय ग्रीन ट्रिब्यूनल/ NGT ने कोविड/ COVID-19 के दौरान सभी प्रकार के पटाखों की बिक्री और उपयोग पर पूर्ण प्रतिबंध लगाया था। एनसीआर और देश के सभी शहरों/कस्बों में महामारीजहां परिवेशीय वायु गुणवत्ता खराब और उससे ऊपर की श्रेणी में हैउन शहरों/कस्बों में पटाखों के उपयोग को प्रतिबंधित करने के निर्देश दिए गए हैंजहां हवा की गुणवत्ता मध्यम या केवल ग्रीन पटाखों तक ही सीमित है। वहां भी 2 घंटे से अधिक की अवधि के लिए और केवल किसी निर्दिष्ट त्योहार या अनुमत अवसरों के उत्सव के लिए छूट दी गई है।

इसलिए जरूरी है आदेशों की पालना

जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा सर्वोच्च न्यायालय के 2019 और 2021 में जारी निर्देशों को दोहराते हुए कहा कि आतिशबाजी में नाइट्रेट होता है। जबकिउपरोक्त उल्लिखित आदेश को अस्वीकार करते हुए सर्वोच्च न्यायालय ने टिप्पणी की थी कि “इस स्तर पर बेरियम नाइट्रेट के उपयोग की अनुमति केवल इसलिए दी गई हैक्योंकि यह संकेत दिया गया है कि समग्र रूप से इसका फॉर्मूलेशन 30 प्रतिशत कम प्रदूषणकारी होगावास्तव में यह प्रतिगामी होगा।

जनहित में ग्रीन क्रैकर्स को छोड़कर सभी प्रकार के पटाखों (सीरीज क्रैकर्स या लारिस) और सभी प्रकार के पटाखों के निर्माणबिक्री और उपयोग पर रोक लगाई गई है।

क्यों जरूरी है प्रतिबंध लगाना:-

जिलाधीश विक्रम सिंह ने कहा कि सर्दियों के दौरानविशेष रूप से अक्टूबर से जनवरी के महीनों में बढ़ता प्रदूषणएक गंभीर स्वास्थ्य चिंता का विषय हैविशेष रूप से पीएम 2.5 और पीएम 10 जैसे पार्टिकुलेट मैटर्स (पीएम) के उच्च स्तर के संबंध मेंजो राष्ट्रीय परिवेश वायु गुणवत्ता मानकों (एनएए क्यूएस) मानकों से अधिक है। वहींवायु प्रदूषण से संबंधित कई विशेषज्ञों की टिप्पणियां और अन्य रिपोर्ट आई हैं। उन्होंने संकेत दिया कि इस समय अवधि के दौरानहरियाणा राज्य में वायु प्रदूषण अपने चरम पर है।यह भी देखा गया है कि सर्दियों के महीनों के दौरान होने वाली विभिन्न घटनाओं से हरियाणा राज्य में प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। जबकियह एक अच्छी तरह से स्थापित वैज्ञानिक तथ्य है कि उच्च वायु प्रदूषण गंभीर पर्यावरणीय जोखिम पैदा करता है और लोगों के स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डालता है। विशेष रूप से आबादी के कमजोर वर्गों जैसे बच्चोंबुजुर्गों और पहले से ही श्वसन संबंधी बीमारियों वाले लोगों को ज्यादा प्रभावित करती है। वहीं हृदय रोग आदि भी इसमें शामिल हैं।  

बता दें कि विभिन्न आयोजनों के बीचदिवाली और अन्य त्योहारों जैसे गुरुपर्वक्रिसमसनए साल की पूर्व संध्या आदि के दौरान पटाखे फोड़ने से होने वाला उत्सर्जन न केवल हवा में धातु के कणखतरनाक विषाक्त पदार्थहानिकारक रसायन और हानिकारक गैसें छोड़ता हैबल्कि हवा में कणों को भी बढ़ाता है (परिवेशी वायु में PM2.5 और PM10) की सांद्रता पूरे हरियाणा में प्रदूषण के स्तर में वृद्धि में योगदान करती है। जबकिपटाखे फोड़ने और वायु प्रदूषण बढ़ाने का मुद्दा सर्वोच्च न्यायालय के साथ-साथ राष्ट्रीय हरित न्यायाधिकरण द्वारा बार-बार उठाया गया है।

Read more

Local News