सरकार कम मुआवजा राशि की घोषणा कर बाढ़ पीड़ित किसानों और लोगों का कर रही है अपमान
चंडीगढ़। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की महासचिव, पूर्व केंद्रीय मंत्री एवं सिरसा की सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि हरियाणा में हाल ही में आई बाढ़ से किसानों को हुए भारी नुकसान को लेकर प्रदेश की भाजपा सरकार ने इस आपदा में किसानों को जो मुआवजा देने की घोषणा की है वह किसानों के साथ घोर अन्याय है के साथ-साथ उनका अपमान भी है। फसलों के नुकसान का पंजाब सरकार हरियाणा से अधिक मुआवजा दे रही है जबकि हरियाणा स्वयं को सबसे ज्यादा विकसित राज्य बताता है। सांसद ने मांग की है कि मुआवजा राशि बढ़ाई जाए।

मीडिया को जारी बयान में सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि जहां पंजाब सरकार ने बाढ़ प्रभावित किसानों को 20,000 रुपये प्रति एकड़ मुआवजा देने की घोषणा की है, वहीं हरियाणा सरकार केवल 7,000 से 15,000 रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा दे रही है। हरियाणा जो अपने आप को विकसित राज्य कहता है, वहां किसानों को इतना कम मुआवजा देना उनके साथ मज़ाक है।
सांसद ने कहा कि सरकार ने मुआवजे को पाने की प्रक्रिया को इतना जटिल बना दिया है कि किसानों को पोर्टल पर बार-बार अपलोडिंग और सत्यापन जैसी परेशानियों से गुजरना पड़ रहा है। यह किसान के जख्मों पर नमक छिड़कने जैसा है। सरकार को किसानों को परेशान करने की सोच से बाहर आना चाहिए। सांसद ने सरकार से मांग की है कि इस मुआवजा राशि को तुरंत पंजाब की तर्ज पर कम से कम 20,000 रुपये प्रति एकड़ किया जाए। सरकार को पता है कि फसल का लागत खर्च कि तना आता है, कम से कम उसका ही ध्यान रखते हुए मुआवजे की राशि तय की जानी चाहिए थी। सांसद कुमारी सैलजा ने कहा कि किसानों को पोर्टल के जाल में न फंसाया जाए। मुआवजे की प्रक्रिया को सरल बनाकर ग्राम स्तर पर ही पटवारी और राजस्व अधिकारियों के माध्यम से भुगतान सुनिश्चित किया जाए। संपूर्ण नुकसान का सही आकलन करने के लिए स्वतंत्र जांच कराई जाए ताकि किसी भी किसान को वंचित न रहना पड़े।
सांसद ने कहा कि कांग्रेस पार्टी हरियाणा के किसानों की इस लड़ाई में उनके साथ खड़ी है और यदि सरकार ने जल्द राहत राशि बढ़ाने का निर्णय नहीं लिया तो कांग्रेस किसानों के साथ मिलकर व्यापक आंदोलन शुरू करेगी। सांसद सैलजा ने कहा कि अब तक 2897 गांवों के एक लाख 69 हजार 738 किसानों ने 09 लाख 96 हजार 701 एकड़ क्षेत्र में खराब हुई फसलों का पंजीकरण करवाया है। इसके अलावा मकानों को हुए आंशिक या पूर्ण नुकसान का सर्वे कराकर उनकी भरपाई करने की घोषणा की गई है, जो मकान मालिक 20 साल से अगर एक जगह पर बैठा है और उसकी छत को नुकसान हुआ है तो उसकी सहायता भी सरकार करेगी। सैलजा ने कहा कि हरियाणा में मकान क्षतिग्रस्त होने पर एक लाख 30 हजार रुपये मुआवजा देने की घोषणा की गई है जबकि हिमाचल प्रदेश में यह मुआवजा राशि सात लाख रुपये है। सांसद ने कहा है कि सरकार को एक बार फिर मुआवजा राशि को लेकर मंथन करना चाहिए। किसानों के जख्मों पर नमक छिडकने के बजाए उस पर मरहम लगाना चाहिए।
फोटो कुमारी सैलजा