चंडीगढ़। कांग्रेस महासचिव व सांसद रणदीप सिंह सुरजेवाला ने प्रेस विज्ञप्ति जारी कर भाजपा सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि बाढ़ राहत के नाम पर भाजपा व मोदी सरकार हरियाणा, पंजाब व हिमाचल का मज़ाक उड़ा रहे हैं। किसानों की मेहनत और लागत बाढ़ में डूब चुकी है। यहाँ तक कि घर-मकान-दुकान-उद्योग सब बाढ़ग्रस्त हैं और तीनों प्रांतों में 100 से अधिक लोग जान गंवा चुके।

अकेले हरियाणा में ₹20,000 करोड़ से अधिक का जान-माल-ट्यूबवेल-फसल-मवेशी-मकान-दुकान-उद्योग का नुकसान हुआ है। पंजाब में भी नुकसान का आकलन ₹20,000 करोड़ से अधिक है और हिमाचल में इंफ्रास्ट्रक्चर बहाली व आपदा राहत के लिए ₹20,000 से ₹25,000 करोड़ की जरूरत है।
परंतु प्रधानमंत्री, श्री नरेंद्र मोदी का 09 सितंबर का पंजाब व हिमाचल का दौरा राहत देने की बजाय तीनों प्रांतों के बाढ़-पीड़ितों के जख़्मों पर नमक छिड़क गया।
बाढ़ की बर्बादी की असलियत क्या है:-
- हरियाणा को तो मोदी सरकार ने “राहत के नक्शे” से ही मिटा दिया।
? जब “चुटकले व हँसी-ठट्ठे” वाले श्रीमान नायब सैनी ही कहते हैं कि हरियाणा में केवल निचले इलाक़े में पानी आया है तो फिर PM मोदी जी ने भी न हरियाणा आने की ज़हमत की और न ही हरियाणा को एक फूटी कौड़ी दी।
? ये सब इसके बावजूद कि हरियाणा में 19 लाख एकड़ खड़ी फसल नष्ट हो गई, 5,728 गाँव बाढ़ ग्रस्त हैं, 11 शहर व 72 कस्बे बाढ़ प्रभावित हैं, हज़ारों मवेशी बह गये, लाखों घर व ट्यूबवेल ख़राब हो गए, 40 से अधिक लोगों की जान चली गई, तीन हज़ार एकड़ से अधिक खेती की ज़मीन बाढ़ के कटाव में बह गई, एक हज़ार से अधिक उद्योगों में पाँच फुट से अधिक पानी भर गया, पर मोदी जी व श्रीमान नायब सैनी को लगता है कि ‘कुछ हुआ ही नहीं’।
? देश के PM व हरियाणा के CM, दोनों ही हरियाणा की बेकद्री और बेहाली के लिए जिम्मेवार हैं।
? वोट लिया और हरियाणा से मुँह फेर लिया।
? जान लें, अकेले हरियाणा में ₹20,000 करोड़ से अधिक का जान-माल-ट्यूबवेल-फसल-मवेशी-मकान-दुकान-उद्योग का नुक़सान हुआ है, उसकी भरपाई कौन करेगा?
- पंजाब में भी कॉमेडी शो चलाने वाले दूसरे CM ग़ायब हैं और मोदी सरकार हमेशा की तरह पंजाबियों द्वारा भाजपा को नकारने की सजा दे रही है। ये तो पंजाब के बहादुर लोगों का जज़्बा और सेवा भाव था कि उन्होंने डट कर बाढ़ का सामना किया और आज भी कर रहे हैं।
? पंजाब में भी नुकसान का आकलन ₹20,000 करोड़ से अधिक है। इसके मुकाबले बाढ़-राहत के नाम पर “नाम मात्र” की ₹1,600 करोड़ की राशि की घोषणा “पंजाबियों” का घोर अपमान है। यह भाजपा के पंजाब-विरोधी रवैये का जीता-जागता सबूत है।
- नदियों-नालों के उफनते वेग व बर्बादी, बादल फटने, भूस्खलन, बाढ़ की आफत व बारिश से सबसे ज़्यादा तबाही का असर “देवभूमि” हिमाचल में पड़ा।
? किसान की फसल की भयंकर तबाही हो या भूमि-कटाव से पूरी-पूरी सड़कें बहकर गांवों व इलाकों का लिंक टूट जाने की भयावह पीड़ा हो, मुसीबतों की मार हिमाचल के भोले-भाले लोगों पर पड़ी है।
? हिमाचल में अकेले इंफ्रास्ट्रक्चर बहाली के लिए ₹15,000 से अधिक की जरूरत है और आपदा राहत के लिए अतिरिक्त ₹10,000 करोड़ की। ऐसे में मोदी सरकार द्वारा राहत के नाम पर हिमाचल को सिर्फ ₹1,500 करोड़ थमाकर अपना पल्ला झाड़ लेना एक “क्रूर मजाक” है।
- क्या भाजपा भूल गई कि हरियाणा-हिमाचल से लोगों ने उन्हें 14 में से 9 MP चुन कर दिए हैं? अगर ये 9 MP न होते, तो दिल्ली में भाजपा की सरकार नहीं होती।
तो फिर हरियाणा और हिमाचल के साथ यह सौतेला व्यवहार क्यों?
जबाब व राहत के नए निर्णयों का इंतज़ार रहेगा।